Sunday, April 25, 2021

तीर्थंकर महावीर की मौलिक आज्ञाएं

 तीर्थंकर महावीर की मौलिक आज्ञाएं - १


भगवान् ने कैवल्य प्राप्त कर
विश्व को नित्य और अनित्य -
दोनों दृष्टियों से देखा और
धर्म का प्रतिपादन किया |
उस धर्म की मूल आज्ञाएं इस प्रकार हैं -

* किसी प्राणी को आहत मत करो |

* किसी प्राणी पर शासन मत करो |
उसे पराधीन मत करो |

* किसी प्राणी का परिग्रह मत करो -
उन्हें दास-दासी मत बनाओ |

* किसी प्राणी को परितप्त मत करो |

* किसी प्राणी के प्राणों का वियोजन मत करो |
================================
तीर्थंकर महावीर की मौलिक आज्ञाएं - २

भगवान् ने कैवल्य प्राप्त कर
विश्व को नित्य और अनित्य -
दोनों दृष्टियों से देखा और
धर्म का प्रतिपादन किया |
उस धर्म की मूल आज्ञाएं इस प्रकार हैं -

* क्रोध का सेवन मत करो |

* लोभ का सेवन मत करो |

* भय मत करो - व्याधि, जरा और मौत से भी मत डरो |

* हास्य मत करो |

* बुरा चिंतन मत करो |
============================
तीर्थंकर महावीर की मौलिक आज्ञाएं - ३

भगवान् ने कैवल्य प्राप्त कर
विश्व को नित्य और अनित्य -
दोनों दृष्टियों से देखा और
धर्म का प्रतिपादन किया |
उस धर्म की मूल आज्ञाएं इस प्रकार हैं -

* असत्य मत बोलो |

* ब्रह्मचर्य का आचरण करो |

* निर्वाण का संधान करो |

* अदत्त मत लो - चोरी मत करो |

* आसक्ति को छोड़ो - संग्रह मत करो |

* हाथ, पैर, मन और इंद्रिय का अपने आप में समाहार करो |
- आचार्य श्री महाप्रज्ञजी की
" श्रमण महावीर " पेज संख्या - २६६-२६७ से

No comments:

Post a Comment